अपने देश में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या रुक नहीं रही हैं। जहाॅं पिछले 24 घंटे में 11,000 से अधिक रिकॉर्ड कोरोना मरीज मिले है तो वहीं सरकार पर अब कोरोना के आंकड़ों में घाल मेल करने के आरोप भी लगने शुरू हो गए है।
लाख छुपाओ छुप न सकेगा, राज है इतना गहरा
दैनिक भास्कर के अपने लिखे लेख में योगेन्द्र यादव ने ये दावा किया है कि सरकार कोरोना के आंकड़ों को बहुत बड़े पैमाने पर छुपाने कि कोशिश कर रही है। योगेन्द्र यादव ने पहले सरकारी आंकड़ों से बताया कि अभी 3 लाख से ज्यादा कोरोना केसेस भारत में है जो हर 16 दिन में दुगनी हो रही है। अगर ये रफ्तार जारी रहा तो 15 अगस्त तक 40 से 50 लाख तक कुल मामले बढ़कर हो जाएंगे और रफ्तार में थोड़ी कमी भी आई तो भी अक्टूबर में ये संख्या 2 करोड़ के ऊपर होगा।
योगेन्द्र यादव ने बताया कि प्रमुख वैज्ञानिकों का एक समूह इंडियन साइंटिस्ट रेस्पॉन्स टू कोविड-19 (INDSCICOV) के मुताबिक ये आंकड़ा 20 से 30 गुना ज्यादा कम दिखाया जा रहा है। वास्तविक कोरोना संक्रमित मरीज 1 करोड़ से ऊपर हो सकते है। सिर्फ़ इतना ही नहीं योगेन्द्र यादव ने बताया कि ICMR के सर्वे और सरकारी आंकड़ों में ही बड़ा घपला है।
ICMR ने 30 अप्रैल तक में हॉटस्पॉट के बाहर सेरोलॉजिकल सर्वेक्षण करवाया जिसके मुताबिक 0.73 प्रतिशत लोगों में संक्रमण है। मतलब आबादी के हिसाब से 97 लाख है और हॉटस्पॉट के अंदर 30 जिलों में ये आंकड़ा 15 से 30 प्रतिशत है। लेकिन अगर 15 प्रतिशत भी मान लिया जाए तो ये 75 लाख होगा। अगर कुल मामलों को जोड़ दे तो 1.72 करोड़ कोरोना संक्रमित लोग है। और अप्रैल से लेकर अब तक 8 गुना मामलों में वृद्धि हुई तो इसका सीधा सा मतलब निकलता है कि ये आंकड़ा 15 करोड़ तक जा पहुंचा है।
योगेन्द्र यादव ने टिप्पणी कि की सरकार से यदि प्रश्न पूछो तो कम मृत्यु दर और लॉकडाउन से हमने करोड़ों लोगों की जान बचा ली कहकर अपना ढाल सामने कर देती है। सरकार अभी तक जो दुनिया को कोरोना से लड़ने के लिए मॉडल दे रही थी वो पूरी तरह फेल हो गया है।
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