सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

इमरान अपने कटोरे से मदद करना चाहता है भारत का


जिसके पास ना खाने को है ना धोने को है वो मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने The Express Tribune में छपी रिपोर्ट का हवाला देते हुए भारत की मदद करने की पेशकश की है। ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार भारत में लॉकडाउन के बाद बेरोज़गारी चरम सीमा पर है। 84 प्रतिशत भारतीय कामगारों की मासिक वेतन के घटौती हुई है। लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों का पलायन बड़े पैमाने पर हुआ है और घर पहुंचने पर उनके बीच सम्पत्ति बंटवारे को लेकर विवाद हो रहा है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 3 में से 1 परीवार बिना सरकारी मदद के एक हफ्ते से ज्यादा अपना गुजर बसर नहीं कर सकती।


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि भारत सरकार को हमारे डायरेक्ट कैश ट्रांसफर और फूड सप्लाई से कुछ सीख लेना चाहिए। लेकिन अब कटोरा गुरु को कौन बताए जिनके खुद के जीने के लाले पड़े हो वो दूसरे को ज्ञान नहीं बांटते। भौकाल गुरु का अगर ये पोस्ट इमरान खान तक पहुंच जाए तो सुन लेना की भारत अगर आज भी अन्न कि उपज रोक दे तो 3 साल तक बैठ के खा सकता है। अपनी जीडीपी और भारत की जीडीपी को एक बार देख लेना। भारत सरकार ने डीबीटीएल के माध्यम से महिलाओं, किसानों, दिव्यांग जनों और घर घर एलपीजी सिलिंडर लॉकडाउन लगते ही अपनी जनता को दे दिया था।

सही बात तो ये है कि तुम तो तुलना करने लायक ही नहीं है। तुम पहले चीन की चमचागिरी बंद कर दो नहीं तो नंगे घूमने पड़ जाएगा। और अपना ध्यान केवल अपनी आतंक की फंडिंग रोकने पर लगा नहीं तो भारतीय सेना 72 हुरों का कमरा हाउसफुल कर देगी। 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अटल बिहारी बाजपेई:- झुक नहीं सकते

जून महीने की 25 तारीख सन् 1975 भारतीय लोकतंत्र इतिहास का सबसे काला दिवस। इस दिन लोकतंत्र की हत्या कर विपक्ष की आवाज को दबाया गया, उन्हें जेलों में ठूस दिया गया और यहा तक की मीडिया पर भी प्रतबंध लगा दिया गया। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता को बचाने के लिए देश में आज ही के दिन आपातकाल की घोषणा कर दी। जो भी उनके विपक्ष में खड़ा हुआ उसे जेल में डाल दिया गया। जय प्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, मोरारजी देसाई, लाल कृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी बाजपेई और ना जाने कितने नेताओं को जो भी इंदिरा गांधी के खिलाफ हुआ उसे जेल में डाल दिया गया। आज हम साझा कर रहे है आपके साथ एक कविता जो आपातकाल के समय अटल जी ने जेल में रहते हुए लिखा था। झुक नहीं सकते है टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते। सत्य का संघर्ष सत्ता से, न्याय लड़ता है निरंकुशता से, अंधेरे ने दी चुनौती है, किरण अंतिम अस्त होती है। दीप निष्ठा का लिए निष्कम्प, वज्र टूटे या उठे भूकंप, यह बराबर का नहीं है युद्ध, हम निहत्थे शत्रु है सन्नध्द, हर तरह के शस्त्र से है सज्ज, और पशुबल हो उठा निर्लज्ज। किन्तु फिर भी जूझने का प्रण, पुनः अंगद ने बढ़...

संथाल हूल दिवस : अंग्रेजी सरकार के विरूद्ध वनवासी वीर योद्धा सिद्धू-कान्हू की शौर्यगाथा

यह कहानी सन 1855 के संथाल हूल क्रांति के नायक रहे सिद्धू व कान्हू नाम के दो भाईयों की है, जिन्होंने अंग्रेजी सत्ता पोषित साहूकारी व्यवस्था के विरूद्ध हथियार उठाकर उनका मुंहतोड़ जवाब दिया और साथ ही अपनी मिट्टी, मातृभूमि के लिये सर्वोच्च बलिदान देकर सदा के लिये अमरत्व को प्राप्त हो गये। मौजूदा संथाल परगना का इलाका बंगाल प्रेसिडेंसी के अधीन पहाड़ियों एवं जंगलों से घिरा क्षेत्र था। इस इलाके में रहने वाले पहाड़िया, संथाल और अन्य निवासी खेती-बाड़ी करके जीवन-यापन करते थे। अंग्रेजों ने वादा यहां के निवासियों से वादा-खिलाफी किया और उनपर मालगुजारी लगा दी। मालगुजारी के विरोध में वनवासियों के जनाक्रोश से उत्पन्न आंदोलन के प्रथम दिन 30 जून को दो वीर जनजाति योद्धा सिद्धू व कान्हू की याद में "संथाल हूल दिवस" के रूप में मनाया जाता है। संथाली में हूल का अर्थ क्रांति होता है। 1793 में लॉर्ड कार्नवालिस द्वारा आरम्भ किये गये स्थायी बन्दोबस्त के कारण जनता के ऊपर बढ़े हुए अत्याचार इस क्रांति का एक प्रमुख कारण थे। सन 1855 में अंग्रेज कैप्टन अलेक्ज़ेंडर ने क्रांति का का दमन कर दिया। ब्रिटिश हुकूमत व...

रिकॉर्ड बढ़ोतरी के साथ कोरोना आंकड़ा पहुंचा 8 लाख के पार

भारत में कोरोना अब दिन पर दिन नए रिकॉर्ड बनाए जा रहा है। कोरोना मरीजों में हो रही रिकॉर्ड बढ़ोतरी रुकने का नाम नहीं ले रही है। पिछले 24 घंटे में कुल 27,728 कोरोना मरीजों की रिकॉर्ड संख्या बढ़ी है। जिससे अब भारत में कुल 8,22,570 कोरोना मरीज हो गए है। वहीं पिछले 24 घंटों में 20,246 कोरोना मरीज ठीक भी हुए है। भारत में अब तक कुल 5,16,206 लोग कोरोना से ठीक हो चुके है। वहीं कोरोना के सक्रिय केसेस 2,83,842 है।