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ये उस देश का दुर्भाग्य ही है कि जिस देश की जनता में महामारी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, बेरोजगारी अपने चरम पर है, देश की आधी जनता के पास खाने के लिए भर पेट खाना नहीं है। और उस देश का गृहमंत्री आगामी चुनाव की तैयारियों में लीन है और 72000 एलसीडी स्क्रीन द्वारा वर्चुअल रैलियां कर रहे है।
जी हां बिल्कुल सही समझा आपने हम बात कर रहे हैं अमित शाह की जो इन दिनों आगामी बिहार चुनाव को लेकर स्ट्रैटजी बना रहे है और वर्चुअल रैलियां कर रहे हैं। ये वही बिहार है जो कोरोना काल में सबसे ज़्यादा परेशान हुआ है। यहां की जनता अपने घर आने के लिए खून के आंसू रोए हैं। अमित शाह उस समय कहाँ थे जब लॉकडाउन के समय यही बिहारी हजारों किलोमीटर पैदल चल रहे थे। केवल इसलिए ताकि वो अपने घर वापस पहुंच जाए। ना जाने उसमें से कितनों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। कितनी मज़बूर गर्भवती मांओं ने सड़कों पर ही अपने बच्चों को जन्म दिया।
तब तो अमित शाह नजऱ नहीं आए और अब जब बिहार चुनाव करीब है तो वो उन्हीं बिहारियों से वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर संपर्क साध रहे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू को अमित शाह की इन रैलियों का बिहार विधानसभा चुनाव में कितना फ़ायदा मिलता है।
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