गलवान घाटी की घटना जिसमें हमारे बिहार रेजीमेंट के 20 जवान शहीद हुए थे। उसके बाद भारत सरकार ने 59 चीनी एप्प पर प्रतिबंध लगा दिया। उसके बाद भारत का एक औद्योगिक अंग CAIT(confederation of all inda traders) ने हमारे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सूचना एवं प्रद्योगिकी मंत्री जय शंकर प्रसाद और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा की हमारी सुरक्षा और निजता को ध्यान में रखते हमे चीनी मोबाइल कंपनियों की भी जाँच करनी चाहिए। जब ऐसा हुआ तो चीनी कंपनियों को डर लगने लगा कि अगर ऐसा कुछ हुआ तो हमने जो भारत मे निवेश किया है उसमें काफी नुकसान हो सकता है। इसकी वजह से उन्होंने अपनी अपने निवेश को रोक दिया था। ये बात इन्हीं चीनी कंपनियों के भारतीय निदेशकों ने कहा है।
इसी मौके का फायदा उठाकर साउथ कोरिया की दो कंपनी LG और SAMSUNG ने कहा की हम अपने उत्पादन को कम से कम 10 गुना और दीवाली तक 15 गुना करने वाले हैं। इस प्रकार गैर चीनी कम्पनियाॅं भारत के मार्केट में अपना प्रभाव बनाने की कोशिश में जुट रही हैं।
भारत के बाजार में चीनी स्मार्टफोन कंपनीयो का लगभग 80% प्रभाव है और उन्होंने आगे के लिए बहुत सारे निवेश किये थे ।भारत का चीन के प्रति कड़े रुख को देखते हुए चीन को बहुत झटका लगा था। भारत के कड़े रुख को देखते हुए चीन ने अपनी पूरी मार्किट की रणनीति और विज्ञापन में बदलाव की इच्छा प्रकट की है।
जिसके लिए चीन भारत की जनता की रिझाने के लिए अब Make In India का नारा लेकर अपना काम आगे बढ़ाने के फिराक में है। अब ये अपने मोबाइल फोन को ये प्रचार करके बेचेंगे की ये फोन भारत मे बन रहे है जिससे यहाँ की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा तो आप हमारे फोन ले लीजिए। जिसके तहत ये अपने नए मॉडल भी निकलने की तैयारी में है जिससे ये आने वाले त्यौहार रक्षाबँधन, दिवाली और दशहरे तक मार्केट फिर लोकप्रिय बन ले। आपको जान के आशचर्य होगा कि चीनी कंपनिया हर साल भारत मे विज्ञापन और मार्केटिंग के लिए 2500 करोड़ रूपए खर्च करती है।
अभी तक सीमा पर विवाद का पूरी तरह से निपटारा नहीं हुआ है फिर भी चीन की कंपनियों ने अपना आगे का मार्केट प्लान तैयार कर लिया है। तो अब आने वाले 4 से 5 महीने में देखते है कि क्या भारत की जनता सब कुछ भूल के उनके उत्पादों का अपने बाजार में प्रभाव बढ़ने देती है या #boycottchina जिसको अभी तक लेकर चल रहे है वो आगे भी जारी रहता है।
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