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भारत में घुसने की चीन की नई रणनीति

गलवान घाटी की घटना  जिसमें हमारे बिहार रेजीमेंट के 20 जवान शहीद हुए थे। उसके बाद भारत सरकार ने 59 चीनी एप्प पर प्रतिबंध लगा दिया। उसके बाद भारत का एक औद्योगिक अंग CAIT(confederation of all inda traders) ने हमारे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सूचना एवं प्रद्योगिकी मंत्री जय शंकर प्रसाद और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा की हमारी सुरक्षा और निजता को ध्यान में रखते हमे चीनी मोबाइल कंपनियों की भी जाँच करनी चाहिए। जब ऐसा हुआ तो चीनी कंपनियों को डर लगने लगा कि अगर ऐसा कुछ हुआ तो हमने जो भारत मे निवेश किया है उसमें काफी नुकसान हो सकता है। इसकी वजह से उन्होंने अपनी अपने निवेश को रोक दिया था। ये बात इन्हीं चीनी कंपनियों के भारतीय निदेशकों ने कहा है।   इसी मौके का फायदा उठाकर साउथ कोरिया की दो कंपनी LG और SAMSUNG ने कहा की हम अपने उत्पादन को कम से कम 10 गुना और दीवाली तक 15 गुना करने वाले हैं। इस प्रकार गैर चीनी कम्पनियाॅं भारत के मार्केट में अपना प्रभाव बनाने की कोशिश में जुट रही हैं।  भारत के बाजार में चीनी स्मार्टफोन कंपनीयो का लगभग 80% प्रभाव है और उन्होंने आगे के लिए बह...

कैसे किया जाता है किसी वैक्सीन का ट्रायल?

भारत के द्वारा बनाया कोविड-19 वैक्सीन 'कोवैक्सिन' का मानव परीक्षण  दिल्ली AIIMS द्वारा शुरू। हालांकि इसका परीक्षण छोटी मात्रा में पटना AIIMS और PGIMS रोहतक में किया गया था परंतु बड़े स्तर पर इसका परीक्षण दिल्ली AIIMS द्वारा किया जा रहा है। किसी भी वैक्सीन को बनाने में सामान्यतः 10 से 15 साल लग जाते हैं। लेकिन वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए सरकार एवं वैज्ञानिको द्वारा काफी तेजी के साथ कार्य किया जा रहा है फिर भी अगर सब कुछ सही रहा तो वैक्सीन के बनते बनते लगभग 1 साल का समय लग जायेगा ऐसा कई विद्वानों द्वारा कहा जा रहा है। किसी भी वैक्सीन को बनाने में 5 चरण लगते है- 1:- जब कोई भी महामारी फैलती है या बीमारी तो वैज्ञानिक ये पता करते करते कि ये किस वायरस के कारण हो रहा है इनमे काफी समय लगता है काफी अध्ययन करना पड़ता है जैसे ही जानकारी प्राप्त होती है उससे लड़ने के लिए उसी वायरस के जीवित तथा मृत वायरस को लेके हमारे शरीर मे डाल जाता है क्योंकि वैसे तो हमारा शरीर हर एक वाइरस से लड़ने के लिए खुद ही एंटीबाडी बना लेता है लेकिन जब कोई अलग तरह का वायरस जिसे वो पहली बार अनुभव करता है उससे जब वो नह...

रिकॉर्ड बढ़ोतरी के साथ कोरोना आंकड़ा पहुंचा 8 लाख के पार

भारत में कोरोना अब दिन पर दिन नए रिकॉर्ड बनाए जा रहा है। कोरोना मरीजों में हो रही रिकॉर्ड बढ़ोतरी रुकने का नाम नहीं ले रही है। पिछले 24 घंटे में कुल 27,728 कोरोना मरीजों की रिकॉर्ड संख्या बढ़ी है। जिससे अब भारत में कुल 8,22,570 कोरोना मरीज हो गए है। वहीं पिछले 24 घंटों में 20,246 कोरोना मरीज ठीक भी हुए है। भारत में अब तक कुल 5,16,206 लोग कोरोना से ठीक हो चुके है। वहीं कोरोना के सक्रिय केसेस 2,83,842 है।

वाराणसी:-भाजपा नेता और पुलिस के बीच हाथापाई के मामले में चार पुलिसकर्मी सस्पेंड

वाराणसी में शुक्रवार को भाजपा नेता और पुलिस के बीच हाथापाई के मामले में चार पुलिसकर्मी सस्पेंड हो गए हैं। इस मामले में रविवार को एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि सीओ भेलूपुर प्रीति त्रिपाठी पुलिस ऑफिस से संबद्ध, लंका इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी, दरोगा सुनील गौड़ और राजू व दो सिपाही निलंबित किए गए है। कार्यालय से आदेश एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने वीडियो क्लिप देखी  और उसमें अपहरण, लूट और हत्या के प्रयास की पुष्टि नहीं हुई। दरोगा की तहरीर में भी कुछ भ्रमात्मक बातें है, जैसे कि रात 10 बजे दुकानों के शटर धड़ाधड़ गिरने लगे। इसलिए हत्या का प्रयास, लूट और अपहरण की धारा हटा ली गई हैं। किसी के भी प्रति हम गलत तरीके से कार्रवाई के लिए इजाजत नहीं दे सकते हैं, जो सही है, उसी के आधार पर कार्रवाई होगी।

कैसे भारत से दूर और चीन के पास पहुॅंचा नेपाल?

भारत और नेपाल के बीच काफी सांस्कृतिक समानता है जिसके कारण इन दोनों के रिश्ते को रोटी और बेटी के रिश्ते से परिभाषित किया जाता है। इसी कारण इन दोनों देशों के बीच बिना पासपोर्ट और वीजा के आवागमन होता है। नेपाल से कई लाख लोग भारत मे रोजगार के लिए आते है यहाॅं तक कि हमारे फौज में भी नेपाल के लोग शामिल है ।     भारत और नेपाल के रिश्ते में खटास की शुरुआत 2015 से हुई जब वहाॅं पर नया संविधान बन रहा था। जिसमें तराई  क्षेत्र ( नेपाल का निचला हिस्सा तथा UP और बिहार का ऊपरी हिस्सा) में रहने वाले मधेसि लोगो को अधिकार नहीं मिलने के कारण वे इसका विरोध कर रहे थे। भारत का मधेसियों के प्रति हमेशा से ही सहानुभूति रहीं है। इस विरोध के कारण वहाॅं पर भारत से जरूरी सामान निर्यात नहीं हुआ और नेपाल तक जरूरत के समान नहीं पहुॅंचे थे। ये समान उनके लिए बहुत जरुरी था क्योंकि इसके कुछ दिन पहले ही नेपाल में बहुत ही बड़ा भूकम्प आया था जिसके वजह से समान नहीं पहुचने के कारण उन्हें बहुत समस्या हुई।   नेपाल में जब 2018 में चुनाव हुआ तो दो पार्टी एक के पी शर्मा ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ मार्क्सिस्ट एंड ल...

बिहार की बेटी ज्योति कुमारी आत्मनिर्भर फिल्म में करेंगी अभिनय

बिहार की बहादुर बेटी ज्योति कुमारी अब फिल्म में अभिनय करती नजर आएंगी। ज्योति कुमारी तब सुर्खियों में आई थी जब उन्होंने लॉकडाउन के समय 1200 किलोमीटर की यात्रा साइकिल से ही तय किया और अपने पिता को घर लाया था। लॉकडाउन में ज्योति ने अपने पिता को गुड़गांव से बिहार तक साइकिल से लेकर आई थी। ज्योति ने कुल 7 दिन में 1200 किलोमीटर का सफ़र तय किया था। ज्योति की फिल्म को विमेकाफिलम नामक कंपनी बनाएगी। फिल्म का  नाम ' आत्मनिर्भर' होगा। जिसमें लोकडाउन के समय प्रवासी मजदूरों को हुई मुश्किलों का और ज्योति कुमारी की कहानी दिखाई जाएगी। फिल्म में ज्योति कुमारी का पात्र ज्योति खुद अभिनय करेंगी। फिल्म में ज्योति के पिता का किरदार संजय मिश्रा निभाएंगे। फिल्म की शूटिंग अगस्त माह में शुरू होगी। फ़िल्म को लेकर ज्योति काफ़ी उत्सुक है। आपको बता दे की ज्योति कुमारी की इस बहादुरी का अमेरिका के राष्ट्रपति की बेटी इवांका ट्रप ने भी किया था।

संथाल हूल दिवस : अंग्रेजी सरकार के विरूद्ध वनवासी वीर योद्धा सिद्धू-कान्हू की शौर्यगाथा

यह कहानी सन 1855 के संथाल हूल क्रांति के नायक रहे सिद्धू व कान्हू नाम के दो भाईयों की है, जिन्होंने अंग्रेजी सत्ता पोषित साहूकारी व्यवस्था के विरूद्ध हथियार उठाकर उनका मुंहतोड़ जवाब दिया और साथ ही अपनी मिट्टी, मातृभूमि के लिये सर्वोच्च बलिदान देकर सदा के लिये अमरत्व को प्राप्त हो गये। मौजूदा संथाल परगना का इलाका बंगाल प्रेसिडेंसी के अधीन पहाड़ियों एवं जंगलों से घिरा क्षेत्र था। इस इलाके में रहने वाले पहाड़िया, संथाल और अन्य निवासी खेती-बाड़ी करके जीवन-यापन करते थे। अंग्रेजों ने वादा यहां के निवासियों से वादा-खिलाफी किया और उनपर मालगुजारी लगा दी। मालगुजारी के विरोध में वनवासियों के जनाक्रोश से उत्पन्न आंदोलन के प्रथम दिन 30 जून को दो वीर जनजाति योद्धा सिद्धू व कान्हू की याद में "संथाल हूल दिवस" के रूप में मनाया जाता है। संथाली में हूल का अर्थ क्रांति होता है। 1793 में लॉर्ड कार्नवालिस द्वारा आरम्भ किये गये स्थायी बन्दोबस्त के कारण जनता के ऊपर बढ़े हुए अत्याचार इस क्रांति का एक प्रमुख कारण थे। सन 1855 में अंग्रेज कैप्टन अलेक्ज़ेंडर ने क्रांति का का दमन कर दिया। ब्रिटिश हुकूमत व...